पितृ
क्या होता है ?
What is Pitra Dosh ?
- पितृ दोष होने पर बने बनाये काम बिगड़ने लगते है
- परिवार की शांति भंग रहती है।
- परिवार में कोई ना कोई बीमार रहता है।
- काम धंधे और रोजगार की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
पितृ
दोष क्यों और कैसे होता है?
Why Pitra Devta Dosh ?
Why Pitra Devta Dosh ?
- यदि हम शुभ समय या अवसर पर अपने पूर्वजो को भूल जाते है तो इससे पितृ दोष उत्पन्न होता है।
- यदि किसी शादी, हवन या गृह प्रवेश इत्यादि के पावन अवसर में हम गऊ माता को भोजन नहीं कराना व पितरो को याद करके उनके नाम का भोजन या वस्त्र किसी पंडित को नहीं देते है तो पितृ दोष उत्पन्न होने की आशंका रहती है।
- यदि किसी परिवार में भूर्ण हत्या होती है तो भी पितृ दोष हो जाता है।
- यदि किसी के हाथ से अंजाने में गऊ माता का वध हो जाता है तो भी पितृ दोष हो सकता है।
- यदि किसी परिवार में माता - पिता का अनादर होता है तो भी पितृ दोष हो जाता है।
- परिवार के किसी व्यक्ति द्वारा जीव हत्या या बली इत्यादि दी जाये तो भी पितृ दोष उत्पन्न होता है।
पितृ
दोष को कैसे समाप्त किया जाये ?
How to cure Purvaj Pret Badha
How to cure Purvaj Pret Badha
- · पितृ दोष के समाधान के लिए हमें श्राद निकालने चाहिए।
- · यदि श्राद की तिथि याद नहीं है तो फिर श्राद के महीने में जो अमावश्या आती है उसी दिन सभी पितरों का इकठ्ठा श्राद निकाला जा सकता है।
- · यदि प्रत्येक अमावश्या को गाय को या फिर बैल को दलिया या हरा चारा खिलाया जाये तो पितृ शांत हो जाते है।
- · पितृ दोष को कम करने के लिए हमें चारों दिशाओं में पीपल, नीम और बरगद के वृक्ष लगाने चाहिए।
- · पितरों को शांत करने के लिए हमें पितरो के नाम के कपडे और भोजन इत्यादि गरीब और जरुरत मंद पंडित को देने चाहिए। अगर कोई पंडित न मिले और किसी वस्त्र हीन को कपडा दान किया जाये और वो व्यक्ति उस कपडे को प्रयोग में लाता है तो ये अधिक फलदायक होगा।
- · भूखे को भोजन और वस्त्रहीन को वस्त्र दान , पितृ दोष को कम करता है।
- अपने परिवार के बुजर्गो और आस पास के बुजर्गो का सम्मान करने से पितृ दोष शांत हो जाता है।
- प्रतिदिन पहली रोटी गाय को दो , फिर भोजन करो , और अंत में कुत्ते को रोटी दे। इससे पितृ दोष शांत होने लगता है।
- · यदि प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठकर , नहा धोकर सफ़ेद आर्क के फूल पानी में डाल कर सूर्य को देना चाहिए। और इस मन्त्र का जाप करना चाहिए
- मन्त्र: -
ॐ सूर्यदेवाय नमः
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