मिथुन लगन -
मिथुन
राशि वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करती है और बुध ग्रह इसका स्वामी है यह पुरुष सम राशि
है इस लगन के जातक तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी होते है । शरीर माध्यम होता है अगर सूर्य
मंगल राशि में विराजित हो तब काया पतली व कमजोर होती है । बुध विनोदी ग्रह होता है
इसलिए ऐसे जातको की मित्रता जल्दी होती है ऐसे जातको का स्वभाव प्रसन्न रहने वाले, मौका देखकर बात करने वाले, और गतिमान होते है । मिथुन
राशि के जातक पढ़ाई -लिखाई में चतुर होते है, वाहन संचालन में भी निपुण होते है । मिथुन राशि तीसरी राशि है और तीसरा भाव
दस्तखत की या लिखने की होती है अथवा वाहन चालन का होता है । अत मिथुन लग्न राशी के
जातक लेखक व साहित्य में प्रतिभाशाली होते है, कारोबारी व
व्यापार में कुशल, ड्राइंग, गीत संगीत,
योजनाओं का निर्माण, प्रचारक, अकॉउंटस,
गहराई से अध्ययन, शोधकर्ता, कुरियर सेवा, सुचना व प्रसारण विभाग, शिक्षक, स्टेनो, टाइपिस्ट,
सचिव, सहायक, लेखाकार,
मुनीम, सन्देश देने वाले, कई भाषाओँ के ज्ञानी ,अनुवाद करने वाले, पुस्तक व stationary
विक्रेता, शेयर दलाल traders , कंपनी प्रचारक marketing person or sales professionals, ज्योतिषी, हस्त रेखा ज्ञानी, बैंक
या बीमा कार्य आदि में सफलता मिलती है इसके अलावा मनोरंजन के क्षेत्र में, खेल क्षेत्र में रोजगार , पत्रकारिता या संपादक
सम्बन्धी रोजगार , डॉक्टर या नर्स या जातकों हस्पताल में
रोजगार , लब्रोटरी टेक्नीशियन आदि से अपनी आजीविका पा सकते है ।
खाली स्थान बुध का
माना गया है जैसे खाली घड़ा, खाली कमरा, खाली बक्सा आदि । इस लगन के जातको को विभिन्न भाषाए सिखने का शौक होता है ।
इन भाषाओँ के अलावा इन जातकों को समाज और राजनीती का भी अच्छा ज्ञान होता है इसलिए
इनका ज्ञान इन्हे आदर दिलवाता है। इन जातको में दिमागी व बोद्धिक शक्ति और
जागरूकता होती है जिस कारण ये कई काम एक साथ कर सकते है जिस वजह से इनमे अपने लिए ही
शंका पैदा हो जाती है इनके लिए यही अच्छा रहता है की एक बार में ही काम करे । आपको
लोगों से मिलने जुलने में ख़ुशी मिलती
है । मिथुन राशि की दिशा पश्चिम है । अतः इस दिशा के घर में रहने
या यात्रा करने पर मन को शांति मिलती है । आपके जीवन साथी की राशि धनु है अगर गुरु
सही स्थान पर होगा तो पति या पत्नी पढ़े लिखे होंगे । यह लगन हाथ और गले से सम्बन्ध
रखता है खराब होने पर इनमे कष्ट रहेगा ।
इस लगन के लिए ९ ग्रहों का फलादेश
सूर्य- भ्राता, बहना, भुजबल, तेज़, साहस, और शक्ति के गुण ।
चन्द्र- पैसा, परिवार, मनोबल और घिराव ।
मंगल- आय, बीमारी, दुश्मन और मेहनत आदि
।
बुध- देह का स्वरूप, आत्मा का बल, माता,
जमीं जायदाद आदि
गुरु- पति या पत्नी, जीविका का साधन , राजधर्म, कारोबार, मान सन्मान,
और दिल की मजबूती ।
शुक्र- पढ़ाई, बोलचाल, बच्चे और निपुणता
।
शनि- उम्र, डर, भाग्य और धर्म ।
राहु- छुपी हुई चालाकी, चिता, ज्यादा
लाभ प्रप्ति।
केतु- कष्ट और अप्राप्य वस्तुओं की प्राप्ति आदि ।
इस
लगन का बुध यदि मार्गी हो तब पन्ना धारण करने से लाभ मिलता है अगर बुध वक्री है तब पन्ना धारण
नहीं करना चाहिए ।
वैवाहिक
जीवन के लिए पीला पुखराज धारण करना शुभ रहता है । वक्री बुध के लिए रोज़ दुर्गा चालीसा
का पाठ करे और हर बुधवार गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए । इस राशि का सूर्य और मंगल
अच्छा नहीं है अतः हर रोज़ सूर्य को जल देवे और मंगलवार को हनुमान जी का प्रसाद बाँट
देना चाहिए । हरा और सफ़ेद कपडा पहनना शुभ रहता है और लाल व काले रंग से परहेज़ करना
उचित होगा ।
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