नवग्रह को शांत कैसे करे ?
मानव जीवन नवग्रहों अर्थात नौ ग्रहों की चाल और दृष्टि से बंधा होता है । इन ग्रहों की शक्तियां हमारे देह के भागो में वास करती है । जो ग्रह जैसा होगा अच्छा या बुरा उससे जुड़े अंग में बीमारी या खराबी आ जाती है अतः ग्रह शांति करने पर ऐसी परेशानियाँ दूर भी हो जाती है । हमारे रोज़मर्रा के जीवन की बांतो जैसे पसंद नापसंद, गुस्सा या शांत, साधु या क्रूर आदि स्वभाव का असर और भाग्य आदि ग्रहों से जुड़ा होता है ।
जब किसी मानव के जीवन में ग्रहों के कारण बाधाएं और समस्याएं आ रही हो तो ग्रह अनुसार उपाय कर लेने से ग्रहों के दोषों का निवारण होता है । और आपकी इच्छाए पूरी हो सकती है तथा जीवन के कष्टो और समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है । यहाँ हम आपके लिए ग्रह अनुसार शांति के कुछ उपाय दे रहे है जिनको अपनाने से आपकी बहुत सी समस्याओं का समाधान हो सकता है
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१ अपने घर में स्फटिक के श्री यंत्र को स्थापित करे और प्रतिदिन पूजा करे और श्रीसूक्त के प्रत्येक मंत्र का हररोज़ पाठ करे ।
२ हरिवंश पुराण का पाठ स्वयं करे या इस कथा को किसी से सुने और सूर्य देव को मीठे जल से अर्घ्य दे ।
३ अपने घर में सिद्धप्रद देवी की स्थापना करनी चाहिए । ऐसा हरिवंश पुराण में बताया गया है ।
४ आत्मबल और धन बढ़ाने के लिए सोने में माणिक्य वाला सूर्य यंत्र पहनना उचित रहता है ।
५ केवल माणिक्य रत्न धारण करने से भी अच्छा फल मिलता है । यदि माणिक्य न संभव हो तब तांबे का छल्ला भी पहन सकते है ।
६ अपनी चारपाई के पावे में ताम्बे की कील बनवा कर गाड़ दे ।
७ यदि सूर्य राशि में अच्छी स्तिथि में ना हो तब सूर्य देव की वस्तुओं का दान ना ले और यदि उच्च का सूर्य हो तो कभी भी सूर्य से सम्बंधित चीज़ों का दान ना करे ।
८. सूर्य मंत्रो की पूजा किसी योग्य ब्राह्मण से करवाये ।
९. सुबह जब आधा सूरज उगा हो तब नहा धोकर पानी के लोटे में लाल फूल डाल ले और सूर्य को जल अर्पित करे तब सूर्यदेव खुश होते है और जीव की मनोकामनाएं पूरी करते है ।
१०. हर रोज़ चन्दन और केसर जल में मिलाकर भी अर्घ्य दे सकते है इससे भी सूर्यदेव प्रसन्न होते है ।
११. सूर्य यदि शनि या राहु से पीड़ित हो तब विधि विधान से रुद्राभिषेक मंदिर में करवाने से समस्त संकट टल जाते है । स्वयं आपको भी शिव की पूजा करनी चाहिए ।
१२. इतिवार के दिन नमक नहीं खाना चाहिए ।
१३. ११ या २१ रविवार गणपति जी पर लाल कमल के फूल चढाने से भी लाभ मिलता है ।
१४. रविवार के व्रत करने से भी जातक को लाभ मिलता है । व्रतों की संख्या आपकी इच्छानुसार ५, ११,
या ४३ हो सकती है ।
१५. ११ रविवार को सिर्फ दही चावल ही खाए ।
१६ . बंदरों को गुड चना खिलाने से या बंदर का पालन करने से सूर्यजनित दोष दूर होते है ।
१७. सूर्य की वस्तुओं जैसे सोना, ताम्बा व् गुड का दान रविवार को करे ।
१८. किसी नदी या नहर में गुड बहाये ।
१९. अपने नहाने के पानी में कनेर, महुआ,इलायची,शहद,
कुमकुम, अमलतास आदि मिलाकर तब नहाये ।
२०. सूर्यजनित दोषों के निवारण हेतु आदित्य हृदय स्त्रोत का विधि विधान से पाठ करना अच्छा रहता है ।
२१. सूर्यजनित कष्टो के निवारण के लिए सूर्यकवच या महामृत्युंजय का पाठ सर्वोत्तम लाभदायक होता है ।
२२. आँखों में कष्ट हो तब प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करना और नेत्रोपनिषद् का पाठ करना चाहिए ।
२३. संक्रांति के समय तुलयदान अति लाभदायक उपाय है ।
२४. मनुष्य को अपनी संगती के प्रति सावधान रहना चाहिए और अपने चरित्र को साफ रखना चाहिए इससे सभी ग्रह अपने - आप
ही सही रहते है ।
२५. घर को ऐसे बनवाए की घर का मुख्य दरवाजा पूर्व में पड़े और आँगन खुला व घर हवादार होना चाहिए ।
२६. यदि सूर्य के कारण संतानोत्पत्ति में बाधा हो तब सूर्य के मंत्र पाठ,
सूर्य की वस्तुओं का दान,
सूर्य को जलार्पण व् रविवार के व्रत आदि उपाय करने चाहिए और साथ ही पित्तर दोष का निवारण भी करवाना चाहिए ।
प्रतिवर्ष अगर आप 5 पीपल के पेड़ लगाते है और उनका पालन पोषण करते है तो
आटोमेटिक सभी गृह शांत होने लगते है ,
ध्यान रखे कि आपके हाथ से किसी का बुरा न हो , अपने कर्मों को शुद्ध रखे , जीव हत्या से दूर रहे , मांस और मासाहारी से दूर रहे, अपने बुर्जर्गों का सम्मान करे, अपने से कमजोर की मदद करे, ताकत का अहंकार न करे, तो सूर्य देव की कृपा सदैव आप पर बनी रहे, गीता में श्री कृष्ण भगवान ने कहा है बस तुम अच्छा करो में तुम्हारे साथ हूँ, ...
इस प्रकार विभिन्न उपयो के द्वारा आप सूर्य देव को प्रसन्न कर अपनी मनोकामना की पूर्ती कर सकते है ।
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