लक्ष्मी को हम धन की देवी
भी कहते है और उनकी बहन दरिद्रता को गरीबी की देवी कहते है | जिस स्थान पर
द्ररिद्र्ता रहती है उस स्थान पर धन की देवी कभी नही रहती | कलयुग में हर जगर
दरिद्रता का ही जगह वास है | अगर कोई व्यक्ति ऋग्वेद में लिखा हुआ “ दरिद्रता
विनाशक सूक्त “ का हर रोज पाठ करो एक माला जाप मेरुपृष्ठीय श्री
यंत्र ( स्फटिक श्री यंत्र ) के सामने करे तो अप्रत्याषित रूप से गरीबी का नाश
होगा और जल्दी ही आपको लक्ष्मी की प्राप्ति होने लगेगी | आप जो भी करोबार शुरू
करोगे उसमें ही आपको लाभ होना शुरू हो जायगा | और जो भी आपका विपरीत समय चल रहा है
वो आपके अनुकूल चलेगा | जीवन में जो भी दुख: है मुश्किलें है उनका खुद ही समाधान
होना शुरू हो जायेगा | और चारो तरफ से रोजगार के साधन प्राप्त होने शुरू हो जायेगे
और प्रचूर मात्रा में धन लाभ होना शुरू हो जाएगा | और जल्दी आपके घर में लक्ष्मी
का वास हमेशा के लिए होगा और दरिद्रता (गरीबी) हमेशा के लिए अलविदा कह देगी |
अरायि कणे विकटे गिरि गच्छ सदान्वे |
शिरिन्विठ्स्य सत्वभिस्तोभिष्टवा चातयामसि ||
चत्तो इत्श्चत्तामुतसरवा भ्रूणान्यारूषी ||
अराय्यं ब्ब्राह्मणस्पते तीक्ष्ण- श्रृङुगोष निन्हि ||
अदो यददारुप्लवते सिन्धो पारे अपुरुषम |
तदा रभस्व दुर्हणो तेन गच्छ परस्तरम ||
यद्ध प्रजीरजगनन्तोरो मनदुर – धाणिको: |
गत इन्द्रस्य शत्रव: सर्वे बुद्बुद्याश्व:
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agar aap gareebi se preshaan hai, ya dhan ka abhaav hai ya phir aapko daridarta ne ghar liya hai to aap is prayog ko karke aap laah utha skate hai , ye anusthan or jaap karne se aapki nirdhanta hamesha hamesha ke liye aapse door chali jayegi or aap gareeb se ameer ban jayege, ye chamtkaari gareebi nashak prayog hai jo sabhi ki pahunch se bahar hai , iska jaap shardha or vishwas se kiya jaye to hi sambhav hai,
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