यंत्र विज्ञान | Yantra Science
As we
protect our body , business , health and family by Mantra Shakti, in the same
way Yantra also protect us from illness, business loss and family problems. From
ancient time Yantra are considered or pondered very much beneficial for all. It
can protect us from unwanted or undesirable
danger or menace. As per our ancient spirituals books our Mantra are called the
Soul of Angels and Yantra are body. Because we can see body not soul, for the
same we can see Yantra but not Mantra. These Powerful
or Shaktishaali Yantra are written on a paper or any leaf. We can put this
paper or leaf in any metal amulet and
keep this Talisman or Taabeej with us , either on our arm or we can wear around
the neck.
These
Powerful or sledgehammer Yantra contain the Indicative power of God or Goddess.
These simple Amulet becomes very much powerful after the Yantra is filled in
this Simple Metal piece. It gains spiritual power and protect us from
forthcoming danger or Jadu Tona or Buri
Najar or Black Magic.
यंत्र विज्ञान
जिस प्रकार से मंत्रो के द्वारा हम उपचार और रक्षा करते है ठीक उसी तरह यंत्रो का प्रयोग भी तन और मन की रक्षा के लिए किया जाता है। प्राचीनकाल से ही मंत्रो को देवताओ का मन और यंत्रो को देवताओ का तन माना जाता है। जिस प्रकार शरीर को आप देख सकते है परन्तु मन को नहीं। उसी प्रकार आप यंत्रो को देख सकते है परन्तु परन्तु मंत्रो को नहीं। यंत्रो को हम किसी कागज या पत पर लिख कर या रेखांकित करके किसी धातु के ताबीज में रखकर अपने शरीर के साथ बाँध सकते है।
इन यंत्रो में किसी आकर्ति के द्वारा देवी और देवताओ के सांकेतिक रूप को भरकर शुद्ध किया जाता है। यन्त्र भरने के बाद ये धातु से निर्मित खली ताबीज शक्तिशाली बन जाते है जो हमारी विभिन प्रकार की समस्यो और खतरों से हमारी रक्षा करते है। यही शक्ति आपके हित में कार्य करती है |
हमारी प्राचीन ग्रंथो से हमे बहुत से यंत्र मिले है जो सामान्य जीवन
में हमारी मदद करते है। उदहारण के तौर पर बीसा
यन्त्र ( २० ) अपने सोलह कोठे में लिखकर अपने पास रख लिया जाये तो भयंकर से भयंकर समस्या
का समाधान आसानी से हो जाता है। अट्ठाईसा यंत्र
( २८ ) रोग के भय से मुक्त करता है। बतीसा
मंत्र ( ३२ ) गर्भवती महिला को प्रसव के समय देने से प्रसव पीड़ा में राहत मिलती है।
छतीसा यंत्र ( ३६ ) देवता के धवजा पर लिखने से कार्य मंगल होता है। चालीसा यंत्र (
४० ) सिर के दर्द को दूर भगाता है। और बासठवे यंत्र ( ६२ ) से तो बाँझ स्त्री को भी
गर्भ धारण हो जाता है। चौसठया यंत्र ( ६४
) तो इतना कारगर है कि प्रयोग करने वाले के मार्ग में किसी प्रकार की बाधा नहीं रहती। बहत्तरवे यंत्र ( ७२ ) यंत्र से भूत भय की बाधा
दूर होती है।
यंत्रो के प्रकार
१ मंगलकारी यंत्र २ अमंगलकारी यंत्र
मंगलकारी यंत्र से बीमारिया दूर करना , भूत प्रेत की बाधा को दूर
करना , रोेजगार में मदद करना , नित्यारोेज के कार्यो में बाधाओ को हटाना। अमंगलकारी
यंत्रो के द्वारा उच्चाटन , शत्रु के व्यापार में बाधा डालना , मारन कर्म और किसी की
कोख बंधना इत्यादि। अमंगलकारी यंत्रो का प्रयोग भी आप समाज के हिट के लिए ही करना होता
है। यंत्रो का दुरूपयोग आपको महापाप का भागीदार बनाता है।
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