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Why Shankhnaad Its Significance in Science | शंखनाद का महत्व

शंखनाद का महत्व 

शंख का अपना एक अलग ही महत्व है। प्राचीन समय में शंखनांद हर कही सुनने को मिल जाती थी परन्तु आज ये विलुपत होती जा रही है। शंखनांद हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्व रखती है।  हर किसी कार्य के आरम्भ और अंत में शंखनाद किया जाता था। जब देवता और दानव समुन्द्र के मंथन कर रहे थे तो छट्टे स्थान पर शंख की उत्पत्ति हुई थी। शंख के महत्वो के कारण ही भगवान विष्णु जी अपने साथ शंख रखते थे।

शंख के प्रकार

१ वामावर्ती

२ दक्षिणावर्ती

Why Shankhnaad Its Significance in Science शंखनाद का महत्व


प्रत्येक शुभ कार्य और वैदिक पूजा , हवन और अनुष्ठान के शुरू व अंत में वामावर्ती शंख का नाद करते है। अपने देवताओ को बुलाने के लिए भी शंख का नाद किया जाता है।

शंखनाद का महत्व

१ शंख बजाने से दमा की बीमारी नहीं होती।

२ शंख बजाने मात्र से पुरे मुह का व्ययाम् हो जाता है।

३ इसकी ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती और सकारात्मक भावना उत्पन्न होती है।

४ शंखनाद में धवनि और वायु के वेग से हानिकारक कीटाणु मर जाते है जो मनुष्य को नुक्सान पहुचाते  है।  ये बात वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके की शंखनाद से अतिसूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते है।

५ शंखनाद से आपके मन में धार्मिक भावना उत्पन्न होती है।

६ शंख बजाने से दो तरह के प्राणायाम  ( क ) कुम्भक  ( ख ) पूरक , अपने आप ही हो जाते है।

७ नित्य नियम से शंख बजाने से हदय रोग से मुक्ति मिलती है।

७ हमारे फेफड़ो में जाम कोलेस्ट्रोल कम होता है।

८ शंख बजाने से स्मरण  शक्ति बढ़ती है।

९ उच्च रक्त चाप और निम्न रक्त चाप से सम्बंधित बीमारिया ठीक हो जाती है।

१० घर में प्रतिदिन शंख बजाने से भूत - प्रेत और दूसरे नकारात्मक ऊर्जा घर से भाग जाती है।

११ प्रतिदिन शंख बजाने वाले को दमा , उच्च रक्त चाप , निम्न रक्त चाप , शुगर और खासी जैसे सामान्य बीमारिया नहीं होती।

१२ इससे हमारे पुरे शवसन तंत्र को लाभ मिलता है। 

१३ शंख घर में रखने से लक्ष्मी प्रसन्न होती है क्योकि ये विष्णु जी को पसंद था और अपने साथ रखते थे।

दक्षिणावर्ती शंख घर में रखने से सुख समर्धि आती है


इसलिए शंख जरूर बजाये और अपने घर में रखे ,, इससे आपका लाभ ही लाभ है।



Dakshinavarti Shankh    दक्षिणावर्ती शंख

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