जन्मतिथि का फलादेश - हिन्दू शास्त्र में तिथियाँ महत्वपूर्ण होती है अतः इन तिथियों में जन्म लेने वाले जातक कैसा होगा इस प्रकार विचार कर सकते है ।
प्रतिपदा-
यह पहली तिथि होती है इस तिथि को जन्म लेने वाला जातक यदि तीन दिन अथवा तीन महीने तक जीता है तो वह अस्सी वर्ष तक जीवित रहता है अन्यथा नहीं ।
व्दितीय-
यह माह की दूसरी तिथि होती है और इसमें जन्म लेने वाला जातक सत्यवादी,सतकर्मी, स्तुति के लायक एवं दूसरों को ख़ुशी व आनंद देने वाला होता है ।
तृतीया-
यह मास की तीसरी तिथि होती है और इसमें जन्म लेने वाला जातक चंचल चित,मुर्ख, कृतघ्न,वाद विवाद रखने वाला,स्त्री लोलुप और व्रत उपवास होता है ।
चतुर्थी-
यह मास की चौथी तिथि है इसमें जन्म लेने वाला जातक चंचल प्रवृति,लोभी, चुगलीबाज़,साहसी,शौर्य से पूर्ण और सुखी होता है ।
पंचमी-
इस दिन जन्म लेने वाला जातक अच्छी आयु प्राप्त,स्थिर स्वभाव,शौर्य से पूर्ण,सच बोलने वाला, महामती होता है ।
षष्टी-
इस दिन जन्म लेनेवाला व्यक्ति सुंदर व्यक्तित्व, यश प्राप्त,स्थिर बुद्धि और चित वाला, स्त्री लम्पट और विद्वान् होता है ।
इस तिथि को जन्म लेने वाला व्यक्ति सदाचारी,गुणवान,दान प्रिय,गुरुजनो में निष्ठां रखने वाला और दृढ व्रत धारण करने वाला होता है
अष्टमी-
इस तिथि को जन्म लेने वाला जातक अपनी पत्नी में आसक्ति रखने वाला, बहुभाषाओं का ज्ञाता, चंचल प्रवृर्ति और दयाहीन व निष्ठुर व्यक्तित्व वाला होता है ।
नवमी-
इस दिन जन्म लेने वाला जातक कामुक प्रवृति, महाबली नाच-गाना पसंद करने वाला, शत्रुओं का शमन करने वाला और अतिय क्रोधी स्वभाव का होता है ।
दशमी-
इस तिथि को जनम लेने वाला चंचल वृति,स्त्रियों को जीतने वाला, शरीर पर शास्त्र या वर्ण चिन्ह युक्त, बहुत सुंदर, अत्यंत बुद्धिमान,एवं पवित्र स्वभाव वाले होते है ।
एकादशी-
इस तिथि को जन्म लेने वाला जातक लोक व्यवहारिकता में अतयंत कुशल, विभिन्न कलाओं का ज्ञाता,शास्त्रज्ञ तथा सच बोलने वाला होता है ।
द्वादशी-
इस दिन जन्म लेने वाले जातक में गुस्से की अधिकता होती है । वह सदाचारी, परस्त्रीगामी ,खूबसूरत,और भोजन व वस्त्र पाने की लालसा में लगा रहने वाला होता है ।
त्रियोदशी-
इस दिन जन्म लेने वाला जातक स्त्रीयों के बीच लोकप्रिय व जीतने वाला,बुद्धि से युक्त,गुणवान,और ज्ञानी होता है ।
चतुर्दशी-
इस तिथि को जन्म लेने वाले जातक सब प्रकार के कर्मों में शुद्ध स्वरूप, उत्तम बुद्धि युक्त,व्याधियों का नाश करने वाला तथा सदा परिवारजनो का प्रिय रहता है ।
पूर्णिमा-
इस तिथि को जन्म लेने वाले जातक स्थिर बुद्धि चित युक्त, रूपवान सुंदर, कामुक,कर्मों में सादगी युक्त,हमेशा प्रसन्न मुख होता है |
अमावस्या-
इस तिथि को जन्म लेने वाला जातक इन्द्रिय सुख से विहीन, दुखी वृति, अशांत चित, बलहीन होता है |
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