आँत उतरना या धरण डिगने का उपचार
धरण का डिगना या आंत का उतरना एक साधारण सी बीमारी है
परन्तु कभी कभी ये बहुत कष्टदायक होती है।
अगर ये जल्दी जल्दी होने लगे तो काफी परेशानी का कारण बन सकती है। विभिन्न तंत्रों
द्वारा इनका उपचार किया जा सकता है ये
तंत्र इस प्रकार है
शनिवार के दिन लाजवन्ती या छुईमुई पौधे की जड़ को अपने घर ले
आये। इस जड़ को गोल गोल बनाकर सूती धागे से अपनी कमर पर बांध ले तो धारण उतरने या आंत
उतरने की समस्या का समाधान हो जाता है।
Totka for Naval balancing in hindi , धरण ठीक करने का तंत्र |
२ धरण डिगने पर शंखाहुली की जड़ का प्रयोग भी किया जा सकता
है। इसको लाने का एक तरीका है उसी तरीके से इसको घर में लाना होगा। शनिवार के दिन
चावल और हल्दी लेकर जाये और बूटी को तिलक करके उसको निमंत्रण दे कि मैं कल आपको लेने
आऊगा मेरा काम करना। फिर अगले दिन रविवार को प्रातकाल नहाधोकर सूर्य देवता को जल
और दूध अर्पित करके , बूटी को घर ले आये और रोगी की कमर पे सूती धागे
से बाँध दे तो आपको जरूर आराम मिलेगा।
३ भिन्डी की जड़ को धागे से बांधकर नाभी वाली जगह पर बांध दे
तो इससे भी आपको आराम मिलेगा।
is there any recitation mantra for it
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