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कर्क लग्न का अध्यन | Karka Lagna Kundli

कर्क लगन - 

इस राशी स्वामी ग्रह चन्द्र है। यह राशि जलतत्व प्रधान और स्त्री राशि मानी गयी है चन्द्र बली होने पर शुभ फलादेश देता है और कमजोर होने पर अशुभ फल देने लगता है ।

चन्द्र का अच्छा और बुरा फल अन्य ग्रहों से उसके संबंधों पर निर्भर करता है । जल में हलचल रहती है उसी तरह से जातक के मन में भावनाए उछलती रहती है। किसी एक काम को करने पर 10 बार सोचता है कि करू या न करू , जिसके कारण वे बहुत ज्यादा सोचते रहते है । यह लगन राजसी लगन होता है इस राशी के जातक को यदि चन्द्र नक्षत्र से अच्छे संकेत मिलते है तो जातक को सरकार से लाभ मिलता है । ऐसे जातकों को राजनीति में अच्छी सफलता मिलती है । या ऐसे जातक सरकारी अफसर भी बन सकते है ।

कर्क लग्न का अध्यन


चंद्रमा की स्तिथि इस कुंडली कुंडली में काफी अहम या महत्वपूर्ण मानी गई है, इसी कारण यह लगन भी महत्वपूर्ण और प्रधान माना जाता है । चन्द्र के उच्च का होने पर व शुभ दृष्टया होने पर जातक को जल्दी सफलता लाभ मिलता है क्यूंकि चन्द्र की चल अति तेज़ होती है । परन्तु ऐसे जातक बहुत ज्यादा सोचते है और ज्यादा सोच सोच कर कई बार अपना नुकसान कर लेते है । ऐसे जातको को ज्यादा सोचना नहीं चाहिए । चन्द्र यदि राहु , केतु या शनि के साथ हो तब जातक को कई बार अपना निवास स्थान व काम बदलते रहना पड़ता है । इन्हे कोर्ट, अस्पताल या पुलिस से परेशानियाँ  रहने की संभावना रहती है ।

इसी कारण ऐसे जातकों को द्रव वाले काम जैसे पानी का काम, समुन्द्र, नहर, मछली पालन , नदियों में काम करना चाहिए, दूध या दूध की चीजों का व्यपार कर सकते है, सिंचाई विभाग, शिप पर कार्य , नेवी में काम , दवा से सम्बंधित काम , शरबत आदि से सम्बंधित कार्य, औरतों के साथ मिलकर व्यापार करना या फिर काम धंदा करना , डाक्टर या  नर्स ,कुल्फी बनाना और बेचने से काफी लाभ मिल सकता है। ऐसे जातक बहुत ज्यादा सोचते है चन्द्र के तेज़ चलने से इनका स्वभाव भी ऐसा हो जाता है ये लोग अपनी संगत का रंग तेजी से पकड़ जाते हेई , जिस तरह के लोगों अच्छे या बुरे के  साथ ये रहते है उनका वैसा ही प्रभाव बहुत जल्दी इन पर पड़ जाता है । इसलिए ऐसे जातकों को बुरी संगत से हमेशा बचना चाहिए 

यह कैल्शियम प्रधान होती है और चन्द्र के नीच होने पर देह में रक्त, फेफड़े, नजला जुकाम और उदर विकार आदि हो सकते है । चन्द्र के दुष्ट ग्रहों से पीड़ित होने पर मिर्गी, त्वचा और आँखों की बीमारी हो सकती है । कर्क से ७ राशि मकर होने से पति पत्नी में आयु का अंतर हो सकता है । बड़ा बच्चा थोड़ा सा जिद्दी होता है और तीसरा बच्चा जीवन में उन्नति पाता है ।   लगन को मजबूत करने के लिए मोती धारण कर सकते है लाल मूंगा और पुखराज ऐसे जातको के लिए शुभ रत्न है । ऐसे जातको को प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए इससे इन्हे शक्ति और उन्नति मिलती है इसकी दिशा उत्तर होती है अतः उत्तर में यात्रा करने या ऐसे मकान  में रहने से इन्हे लाभ मिलता है ।
Karka Lagna Kundli


कर्क लगन का नवग्रह फलादेश-

सूर्य- पैसा धन, परिवार, मुख तेज़ और घिराव ।

चन्द्र- शरीर,प्रसिद्धि और आत्मिक बल ।

मंगल- पढ़ाई,बच्चे, बुद्धि,बोलचाल, पिता, कर्म, सन्मान और कारोबार ।

बुध- बहना, भ्राता, नुकसान,साहस, खर्चे, सम्बन्ध और विचारशीलता ।

गुरु- पढ़ाई, बच्चे, दिमाग, बोलचाल और दिल की मजबूती ।

शुक्र- बड़ा भ्राता, बहना, घर,वाहन, माता ,मनुष्य लाभ आदि ।

शनि- दुश्मन, जीविका का साधन, स्त्री की बीमारी, झगडे फसाद, पाप, मिलकर किया गया कारोबार, जीवन साथी ।

राहु- चिंता, छिपाव,शक्ति में कमी, लाभ कम ,कष्ट, युक्ति ।


केतु- छिपा हुआ धीरज, कष्ट, कमियाँ, जीत, स्थिरता, शक्ति की प्राप्ति ।

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