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तुला लग्न | Tula Lagna in Hindi

तुला लग्न -  

तुला लगन का स्वामी शुक्र ग्रह है यह वायु तत्व प्रधान होती है इस राशि का चिन्ह तराजू है और इसके चिन्ह के अनुसार ही स्वभावतः इस राशि जातक हर बात को नाप कर बोलते है ऐसे जातक न्याय प्रिय होते है और अन्याय को सहन नहीं कर पाते है | किन्तु कई बार ये कानून को इतना प्रभावी और जबरदस्ती लागू करने की कोशिश करने के कारण ये अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पंहुचा बैठते है | शुक्र राक्षसों के गुरु है तो इस लगन के जातक जज या वकील होते है | ऐसे जातक सबके लिए समान भावना रखने वाले होते है | आप सच को जानने की इच्छा रखने वाले होंगे | 

लोगों से ज्यादा से ज्यादा मेलजोल रखने और जमीन- जायदाद या प्रॉपर्टीज में दलाली का काम करने से इन जातकों को बहुत लाभ मिलता है | ऐसे जातकों को चित्रकला, दवाई विक्रेता, content writing – लेखक or संपादन से सम्बंधित रोजगार, नाटक या ड्रामा और कंपनी में काम, ठेकेदार, मकान बनाने वाले मिस्त्री या ठेकेदार, वायुसेना या दूसरी विंग्स में कार्य, क्रय अथवा विक्रय सम्बन्धी कार्य, बागवानी या नर्सरी सम्बन्धी, संगीत के क्षेत्र में रोजगार, वकालत , समीक्षक, यातायात साधन, नौसेना, होटल या रेस्तरां, दूध या उससे बनी चीज़ों का व्यापार हस्त कला या शिल्पकला की खरीद फरोक्त , जनसंपर्क अधिकारी, बिक्रीकर्ता, वस्त्र कारोबारी या व्यवसायी, टी. वी. व अन्य इलक्ट्रोनिक वस्तुओं की दुकान, सोंदर्य प्रसाधन की दुकान, फिल्म व्यवसाय आदि इन क्षेत्रों में आपका जीवनयापन अच्छा चलेगा | किन्तु व्यवसाय के चुनाव के समय यह देखना जरूरी है की शुक्र की स्तिथी क्या है |

Tula Lagna in Hindi


ऐसे जातकों को संगीत, नाटक या लेखन में बहुत सफलता मिलती है | आपकी हर वास्तु के परिपूर्णता से देखने की आदत के कारण आपको जीवन में सुख लाभ कम होता है | इस राशि के व्यक्तियों की लाभ वाली दिशा दक्षिण और पश्चिम है इस दिशा की यात्रा या मकान में रहने से आपको लाभ मिलेगा | आपका जीवन साथी कुछ कमजोर किन्तु बहत गुस्से वाला होगा | संतान स्वस्थ व सुंदर होती है | अपने काम काज के लिए आपको दूर की या विदेशों की यात्रा करनी पड़ सकती है| आपकी अंदरूनी शक्तियां सोई हुई है| जिस समय आपकी शक्तियों के जागने से आत्म विश्वास बढ़ेगा उस समय आपको जीवन में सफलता मिलेगी | शुक्र ऐश्वर्य और रोमांस के देवता है इसलिए आपका स्वभाव प्यार से भरा होगा और आराम दायक जिन्दगी पर ध्यान अधिक रहेगा | जीवन में उन्नति पाने के लिए आपको नशे से दूर रहना होगा क्यूंकि बीडी, सिगरेट, तम्बाकू या शराब आपके जीवन में जहर घोल सकते है | आपके अंदर गहराई है जिस कारण पढ़ने और दुसरो को भी पढ़ाने का शौक रहेगा |

तुला का अष्टम लग्न भाव वृष राशी पड़ती है जो मृत्यु भाव होता है अतः किसी सम्बन्धी की मौत के बाद जायदाद मिलने की संभावना रहती है | रोग में इन्हें मधुमेह, गुर्दे और कमर में दर्द के रोग हो सकते है | यदि शुक्र मार्गी है और अच्छे ग्रहों से दृष्ट है तब शुभ फल देता है | इसकी शुभता बढाने के लिए इसका रत्न हीरा, सफ़ेद पुखराज, श्वेत मूंगा, ओपल अथवा जिर्कन पहन सकते है | यदि शुक्र वक्री हो तब इसकी वस्तुओं का दान करना हितकर रहता है और प्रतिदिन लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना भी लाभदायक रहता है |
तुला लग्न


तुला लगन के लिए नवग्रह फलादेश –

सूर्य- आय, इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति, स्वभाव की तेज़ी, अचानक का धोखा, बड़े भाई या बहन

चन्द्र- पिताजी, राजकाज, सामाजिकता, कारोबार, अपना कर्म, मनोबल, सन्मान, प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी |

मंगल- पैसा, परिवार, रोजगार, भोग विलास और ससुराल पक्ष से धन लाभ के योग |

बुध- भाग्य, धर्म-कर्म, खर्चे, विवाहेतर सम्बन्ध, विवेकशीलता और नुकसान |

गुरु- भाई,बहन, साहस, दुश्मन, बीमारी, नाना पक्ष से लाभ, मेहनत और दिल की मजबूती |

शनि- माँ-बाप, जमीन- मकान , सुख समृद्धि, शांति, पढाई, बल बच्चे, बुद्धि और बोलचाल |

राहू- चिंता, छिपाव, छुपा लाभ और नीतिगत चतुरता |


केतु- धीरज, छुपी शक्तियां, दुःख-कष्ट,जीत और विशेष लाभ की ताकत (शक्ति) |

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