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वृष लगन ज्योतिष विज्ञान | Vrish Lagna in Astrology

वृष लग्न -

वृष और तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है जँहा वृष का तत्व भूमि है वही तुला का तत्व वायु है जिस कारण इनमे भिन्नता है । वृष का चिन्ह बैल होता है जिसकी प्रकृति मेहनत और शांति है । यह स्थिर स्वरुप राशि है इसलिए इससे सम्बंधित जातक खेती बाड़ी और जमीन आदि के कार्यों से जुड़े होते है । ऐसे जातक शांत स्वाभाव होने पर भी जब गुस्से में आ जाते है तो किसी की नहीं सुनते और किसी भी काम को करने में अपना पूरा दम लगा देते है । ये जातक बहुत शारीरिक परिश्रम करने वाले और मेहनती होते है अतः मेहनती होने के कारण इनके पास पैसे और धन की कमी नहीं होती है शुक्र स्वामी ग्रह होने के कारण ये जातक कई बार आराम पसंद भी बना देता है ।

Vrish Lagna in Astrology


ऐसे जातकों को जमीन जायदाद, कपडा कारोबार और वस्त्र मैन्युफैक्चरिंग , हीरे जवाहरात का कारोबार, मिठाई और हलवाई का कार्य, वाहनों और ट्रांस्पोर्ट से सम्बंधित कार्य, साज सज्जा से जुड़े काम, दाई , नर्सिंग होम या जच्चा बच्चा देखभाल गृह, पेंटिंग्स, डिजाइनिंग, फोटोग्राफी, किराना स्टोर, दूध से बने उत्पादों से जुड़े कार्य, लेखन कार्यो से फायदा, आयकर विभाग आदि से जुड़े कामो में जीविकोपार्जन करेंगे। आपके पति या पत्नी बहुत तेज तर्रार और जिद्दी स्वभाव के हो सकते है । आपको छुपे दुश्मन व्यापार से सदैव सतर्क रहना चाहिए ये आपको व्यापार या अन्य क्षेत्रों में हानी पंहुचा सकते है । गुस्से के कारण कई बार आप अपने काम आप ही बिगाड़ लेंगे । इस राशि की दिशा पूर्व और दक्षिण है इन दिशाओं में यात्रा और घर के दरवाजे इन दिशाओं में खुलते हो, में रहने से तरक्की या स्म्रधि मिलेगी।

वृष राशि का स्थान फूलों की खेती, समुंद्री कारोबार या मछली पालन, गाय या भैंस पालन , पानी सम्बन्धी रोजगार , जीवात्मा, फल एव शब्जियों का सेल परचेस , रत्न, रेडीमेड और गारमेंट उद्योग , घोडा या रहने की जगह, बिस्तर सोफे व गद्दे आदि का व्यपार, जंगल और साफ किये पहाड़ क्षेत्र आदि । ऐसे जातको को इन्ही वस्तुओं के आस पास रहना हितकर रहता है और इन्हे हीरा रत्न धारण करना शुभ रहता है । हीरे के आभाव में सफ़ेद  मूंगा या ओपल रत्न भी पहन सकते है ऐसे जातको को शुक्र के वक्री होने पर मंदिर  में दही दान  करना चाहिए या गाय को हरा चारा डालना चाहिए तथा शुक्रवार को लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए ।
वृष लगन ज्योतिष विज्ञान


वृष लगन के जातक का नवग्रह फलादेश -

सूर्य - माता, जमीन, जायदाद, सुखी जीवन, शांत, मुख तेज़, स्नेह, अपना मकान और भाई बंधु ।

चन्द्र यात्रा साधन, मार्ग, साहस, पराक्रम, परिश्रम, ताकत और आत्मबल का कारक है ।

मंगल - पत्नी, कारोबार या आजीविका का साधन ,खर्चा और हानि आदि

बुध - पढ़ाई,दिमाग का स्तर, बोलचाल, विवेक, पैसा, बच्चे, परिवार और घिराव ।

गुरु - उम्र, पुरातत्व, आय, पेट और दिल का कारक ग्रह है ।

शुक्र - भाग्य, धर्म,प्रसिद्धि, पिता, राजकर्म, कारोबार, जीवन की उन्नति और चिता ।

शनि - भाग्य, कार्य या कर्म और पिता का कारक  होता है । 

राहु - छुपी हुई चतुराई, ज्यादा लाभ, चिंता, छल कपट  और छिपाव आदि ।


केतु - अंतर्मन का धीरज, जीत  और विरला वस्तुओं की प्राप्ति ।

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