कन्या
लगन -
कन्या
लगन का स्वामी ग्रह बुध और तत्व पृथ्वी है यह स्त्री सम राशि है । इस लगन के जातकों का स्वभाव शर्मिला होता है यह लड़की का कर्क माना गया है । बुध शुभ ग्रह है इसीलिए इसे
विष्णु जी का स्वरूप माना जाता है ।
बुध
के शुभ ग्रह होने के कारण यदि राहु
कन्या या मिथुन राशि में बैठता है तो राजयोग देता है । क्यूंकि
राहु केतु जिस ग्रह या राशि में बैठ जाते है वैसा ही फल देते है ।कन्या राशि को छठा
घर माना गया है इसे बीमारी,कर्ज और शत्रु का होता है । इसलिए
इस लगन के जातक डाक्टर , नर्स बन सकते है । लड़ाई झगड़ो से कोर्ट
कचहरी का ज्ञान होता है अतः जातक वकील, मुंशी, या जज बन सकते है ।
ऐसे जातकों को अस्पताल, जेल या कोर्ट में नौकरी मिल सकती है बुध ग्रह पढाई और दिमाग का
कारक ग्रह है अतः शिक्षक भी बन सकते है | बुध अन्वेंशक होता है तो जातक बारीक़ कम
करने में माहिर होता है , किसी चीज़ को जांचना, हिसाब किताब का काम, पटवारी | जहाँ
बाग़ बगीचे, खेत और हरियाली होते है वहां पर बुध का बढ़िया प्रभाव होता है | ऐसे
जातक कापी किताब की दुकान, फर्नीचर की दुकान, कपड़ो की फैक्ट्री, जीवन बीमा के
दलाल, जादूगर, संचार विभाग, मेलजोल में कार्यरत, मनोविज्ञान से जुड़े काम आदि से
जीवनयापन कर सकते है |
ऐसे जातक सोचते तो बहुत है परन्तु योजनाओं को
किर्यान्वित नहीं कर पाते है इसी वजह से
दोस्त और रिश्तेदार इनसे दुरी बना लेते है | ऐसे जातको को फालतू के कामो से बचना
चाहिए और अपनी समय और शक्ति नष्ट नहीं करनी चाहिए | कन्या राशी पेट,कमर, और स्नायु
तंत्र की कारक होती है बुध खराब होने पर इन अंगों में रोग और परेशानी रहती है |
अतः जातक को अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए | शुक्र इस लगन के वास्ते २ और ९
भाव का स्वामी है अतः शुक्र से सम्बंधित काम में जातक को लाभ होता है | जीवनसाथी
के लिए प्रभावी ग्रह गुरु है अगर गुरु नीच का हो तो जीवन साथी का सुख नहीं मिलता
है | क्यूंकि सप्तम भाव मीन राशी का बनता है | कन्या लगन दक्षिण दिशा का सूचक है
तो इस दिशा की यात्रा या मकान में रहने से लाभ मिलता है |
कन्या
राशी के नवग्रह फल विचार -
सूर्य-
खर्चा, मुख तेज़, सम्बन्ध, शांति और नुकसान |
चन्द्र-
आय, मन का बल और अच्छे समाचार |
मंगल-
साहस, उम्र, भाई- बहन, ज्ञान, विवेकशीलता और जीत |
बुध-
शारीर, आत्मा का बल, विवेकशीलता, कारोबार, पिता और प्रसिद्धी |
गुरु-
जन्मभूमि, अपना मकान, सुख, मदद, शक्ति और यश प्राप्ति |
शुक्र-
पैसा, परिवार, यशस्वी, मान इज्जत, नारी से लाभ मिलता है |
शनि-
पढाई, संतान, दिमाग, बोलचाल, दुश्मनी, लडाई-झगडा, मेहनत |
राहु-
गुप्त रहस्य, निति, चिंता, छुपी शक्ति, तंत्र ज्ञान |
केतु-
दुःख, जीत, मशीनों से खतरा, अचानक धन लाभ, गुप्त शक्तियां |
बुध
की स्तिथी मार्गी या अस्त हो तब पन्ना रत्न धारण करना उचित रहता है | हरे रंग के
वस्त्र पहनने चाहिए इससे भी लाभ मिलता है | शुक्र का रत्न धारण करने से भी उचित
लाभ मिलता है | बुध के वक्री होने पर गाय को हरा चारा खिलाये या मंदिर में हरी
मूंग की दाल दान करनी चाहिए तथा प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करना जातक को
उन्नति देता है |
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