सिंह
लग्न
सिंह
लग्न का स्वामी ग्रह सूर्य है । यह पुरुष राशि है और इस राशी में अग्नि तत्व प्रधान
है इस जातक की दिशा पूर्व मुख्य है अत पूर्व दिशा से लाभ के संकेत रहते है । सिंह राशि
के जातक बहुत साहसी, निर्भीक और दिलेर होते है इस लगन का चिन्ह भी सिंह होता है अतः
सिंह लग्न जातकों का स्वभाव भी शेर के सामान साहस से भरा होता है । ऐसे जातक दुसरो
की सहयता, मदद और कल्याण करने में कभी पीछे नहीं रहते है । किन्तु यदि सूर्य पर राहु, केतु या शनि की कुदृष्टि हो तब जातक को जीवन में रोग व परेशानियां झेलनी पड़ती
है । अगर सूर्य पर गुरु या मंगल की शुभ दृष्टि है तो बहुत उत्तम फल देता है क्यूंकि
सूर्य अपने प्रकाश से अंधेरों को दूर करते है उसी प्रकार ऐसे जातक जनकल्याण में अग्रसर
रहते है और समाज सेवा के क्षेत्र में आगे आते है ।
इस लगन के जातक इज्जत व मान मर्यादा
को ज्यादा अहमियत और तवज्जो देते है अगर कोई जाने अनजाने में भी इनका अपमान करता है
तो इनके भारी क्रोध का सामना करना पड़ता है । सूर्य रोशनी के दाता है इस वजह से आँखों
और हड्डी से सम्बंधित है । यदि सूर्य सही सिथ्ती में नहीं है तो आँखों और हड्डियों
के रोग होने की संभावना बनी रहती है । सूर्य जीवन का आधार है इसलिए ऐसे जातक डाक्टरी
या नर्स के व्यवसाय में होते है ऐसे जातक राजनीती में उच्च नेता के पद पर आसीन या
राजनितिक सम्बन्ध जरूर बनाते है, सरकारी या प्राइवेट लिमिटेड
फर्म में बड़े पद पर आसीन अफसर बनने की संभावना रहती है , मंत्री
, वन विभाग में कार्य , पहाड़ो पर होने
वाले प्रोजेक्ट्स में कार्यरत, सरकारी अफसर, antique items
or कीमती वस्तुओ की खरीद बेच करने में माहिर, इंजीनियर, सोने चंडी या फिर डायमंड के कारोबारी में नौकरी पाने में सफल , सर्जन, राजभवन में कार्यरत या सरकारी भवनो में बढ़िया
काम करने को मिलाता है , खेल के मैदानों और सेना में ये जातक
अपना अच्छा दम खम दिखाते है , शेयर बाजार, प्रबंधक आदि । सिंह राशि के जातकों की एक बड़ी कमजोरी होती है कि ये अपनी
झूठी तारीफ से भी अधिक प्रसन्न होकर कुछ गलत कर सकते है , अपनी तारीफ सुनने के आदि
होते है इसलिए इनकी झूठी तारीफ करके कोई भी इनसे फायदा उठा लेता है । सिंह से सप्तम
राशि कुम्भ होती है तो जीवनसाथी की आयु में फर्क संभव है ।
सूर्य खराब स्तिथि में होने
से पेट, आँखों और हड्डियों की बीमारी हो जाती है ज्यादा खराब
होने पर टी. बी., रीढ़ की बीमारी,
पथरी और कैंसर भी हो सकता है । ऐसे जातको को अपने भोजन और जीवन पर ध्यान
देना आवश्यक है । उन्हें प्रतिदिन सूर्य नमस्कार और ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए
। या हरिवंश पुराण का अध्यन करना चाहिए । सूर्य रत्न माणिक्य धारण से शरीर ठीक और
रोग मुक्त रहता है और मान सन्मान बना रहता है । मूंगा रत्न भी धारण करने से लाभ मिलता
है । इस राशी के जातकों को पन्ना धारण करने से रोजगार और व्यवसाय में लाभ मिलता है ।
Singh Lagna |
सिंह
लगन के नवग्रह फल विचार -
सूर्य- शरीर स्वरूप, आत्मबल, प्रसिद्धि,
तेज़ ।
चन्द्र- मनोबल, खर्चा, अनायास चिंता,
हानि ।
मंगल- माता पिता, जमीं जायदाद, सुख,
भाग्य, कर्म-धर्म,
चैन-अमन, यशस्वी ।
बुध- पैसा, धन प्राप्ति, आमदनी,
जरूरी लाभ, स्थिरता ।
गुरु- पढ़ाई, संतान, दिमाग, बोलचाल, उम्र, हाथों की मजबूती
और दैनिक जीवन ।
शुक्र- भ्राता, बहन, पिता, राजकार्य, समाजिकता, मान सन्मान,
चतुराई ।
शनि- दुश्मन, दैनिक धनागमन, स्त्री,
बीमारी,झगडे-परेशानी आदि
।
राहु- चिंता, मानसिक उद्वेग, हानि ।
केतु- छुपा हुआ धर्य, शक्ति, तंत्र लाभ
।
सूर्य
कभी वक्री नहीं होता परन्तु मंगल और बुध कोdekh लेना चाहिए की
ये वक्री है या नहीं । अगर है तो इनके लिए ज्यादा से ज्यादा दान देना चाहिए ।
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