वृश्चक
लगन
मेष
और वृश्चक लगन का स्वामी मंगल ग्रह होता है | यह आग का करक ग्रह है जबकि वृश्चक जल
प्रधान और स्त्री सम राशी होती है मेष लगन सिर होता है तो वृश्चिक को गुप्त स्थान
माना जाता है | इसकी दिशा उत्तर है अथवा घर मृत्यु का माना जाता है जोकि अपने आप
में एक रहस्य है इसलिए इसके जातक भी रहस्य से भरे होते है उन्हें जल्दी से कोई समझ
नहीं पता की उनके दिमाग में अभी क्या चल रहा होगा | ऐसे जातक बातों को छिपा जाते है
और गहराई से बातों व घटनाओं जाँच करने के आदि होते है | इस लगन के जातक ज्योतिष को
जानने के लिए उत्सुक रहते है क्यूंकि ज्योतिष एक गहरा शास्त्र है | ऐसे जातक बहुत
हिम्मत वाले, बहुत गुस्से वाले और मेहनतकश इन्सान होते है इसलिए जातक सीबीआई, वकील, रिसर्च प्रोग्राम , पुलिस, जासूसी सेवाए, जनसेवा ,नेवी, फौज़, एयर फ़ोर्स, गुप्तचर, उच्च पद प्राप्त अधिकारी, जोखिम भरे कार्यों में , रजिस्ट्रार के
पद पर कार्यरत, डाक्टर, इंजीनियर, बीमा अधिकारी, विदेशी दूतावास पर कार्यरत आदि |
यह राशी विस्फोटक पदार्थों में वास् करने वाली है जैसे हथियार, बन्दूक, पिस्टल, पटाखे, रिवाल्वर, बम, तलवार,
चाकू, छुरे, जहर, बिच्छू, सांप आदि के बिल, मछली बाज़ार, लौह भंडार, शमसान घाट आदि
यदि जातक इसमें से किसी को जीविकोपार्जन के लिए अपनाये तो जातक अधिक सफल रहता है |
मंगल एक तामसिक प्रवृति का ग्रह माना गया है और यदि इस पर राहु, केतु या शनि की
कुदृष्टि हो तब जातक दुसरो की निंदा करने वाला, बदमाश व
कानून का विद्रोही बनता है |
वृश्चिक लग्न, vrischika lagna |
अगर
यह राशी अच्छी स्तिथी में नहीं होती तब पित के रोग हो सकते है, गुर्दे में पथरी,
यौन समस्याए, गुप्त रोग, भगंदर, किडनी की बीमारी आदि हो सकती है अतः जातक को सदैव
ज्यादा पानी पीना चाहिए | मंगल का तत्व आग है जबकि यह राशी पानी का स्वामित्व रखती
है जिस कारण जातक को बहुत ज्यादा जल्दी गुस्सा व उतेजना हो जाती है परन्तु जल्दी ही
शांत भी हो जाते है | ज्यादा सोच विचार रखने के कारण जातक को मानसिक तनाव या
रक्तचाप जैसी समस्याए हो सकती है इनसे बचाव जरूरी है मंगल शक्ति और उर्जा का
प्रतिक है इसलिए बहुत बार जातक अति आत्मविश्वासी हो जाते है इस राशी की दिशा उतर
पश्चिम है यदि जातक इन दिशाओं में अपना निवास स्थान बनाये या कर्मक्षेत्र अपनाये
तो वह सफल रहता है | इस राशी के जातको को मूंगा रत्न धारण करने से स्वास्थ्य लाभ
होगा, मोती पहनने से भाग्योदय होगा और पीला पुखराज पहनने से पैसा, संन्तान और
जायदाद व पढाई का सुख मिलता है |
इस
लगन के जातको को हनुमान या शिव चालीसा का रोज़ पाठ करना चाहिए इससे उन्हें सुख
शांति मिलेगी लेकिन रत्न पहनने से पहले सुनिश्चित कर ले की ग्रह वक्री न हो |
इस
लगन के लिए नवग्रह का फल विचार इस प्रकार है –
सूर्य-
राजकार्य, समाज, पिता, कर्म, मुख्तेज़, और प्रतिष्ठा |
चन्द्र-
भाग्य, धरम यश, मनोबल और बरकत ( ज्यादा अवसर ) |
मंगल-
शरीर, आत्मबल, ख्याति दुश्मन, बीमारी, मेहनत |
बुध-
उम्र, पुरात्व, दैनिक कार्य, आमदनी, डर और विवेक |
गुरु-
पैसा, परिवार, विद्या, बच्चे, वाणी, और दिल की शक्ति |
शुक्र-
पत्नी, रोज़गार, नुक्सान, खर्चा, चतुराई आदि |
शनि-
माँ, जमीन, मकान, सुख समृद्धि, भाई बंधू, बहन और प्रेमीजन |
राहु-
चिंता, छुपा बल कमी, गुप्त युक्तियों से कार्य साधन का योग |
केतु-
छुपी शंका, चिंता, कष्ट, जीत, और जहरीले तंतुओं से भय |
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