गुरु की शांति के
उपाय
गुरु उच्च स्थान पर
होना अनिवार्य है क्योकि गुरु उच्च का होने पर मान सम्मान प्राप्त होता है उसकी
सोचने और विचारने की क्षमता भी बढ़ जाती है और नीच का होने पर धन या फिर मान सम्मान
की हानि होती है .
१ गुरु को बलिष्ठ व
धन के लिए पुखराज व गुरु यन्त्र पहनना चाहिए |
२ ग्रन्थ
गुरुलिलाम्रित को पढना व सुनना चाहिए | इससे गुरु ग्रह शांत होते है |
३ श्री हरी (विष्णु
जी) ध्यान पूजन करे तथा पीपल के पेड़ में रविवार को छोड़ ,रोज जल देवे |
४ देह पर शुद्ध सोने
का आभूषण सदैव पहन के रखने से गुरु सही रहता है |
५ पुखराज धारण करे
यदि पुखराज न मिले तब हलदी की गांठ किसी पंसारी से लाये और उसे पीले कपडे में बांध
सीधे हाथ में बांध ले तो हितकारी होता है |
६ गुरु जनित कष्टों
के निवारण के लिए शिव सहस्त्र नाम का जप , रुद्राष्टाध्यायी का पाठ और प्रतिदिन
शिवलिंग पर जलाभिषेक करना बहुत ही सफल उपाय है जो समस्त कष्टों को दूर करता है |
७ जब गुरु व शनि
कुंडली में एक साथ विराजित हो तब उत्पन्न कष्टों को दूर करने के लिए ४० दिवस तक वट
वृक्ष की १०८ परिक्रमा करने से लाभ मिलता है और कष्टों का निवारण होता है |
८ चांदी की कटोरी
में हल्दी केसर रख ले और नहा धोकर पूजा करने के बाद वो तिलक प्रतिदिन लगाने से
कष्टों का निवारण होता है और गुरु बलिष्ठ होता है |
९ गुरुवार के दिन
५,११, या ४३ व्रत का संकल्प लेकर उन्हें विधिवत पूर्ण करे तो गुरु महाराज प्रसन्न
होते है |
१० हर रोज नहाने के
बाद सुंडी(नाभि) पर केसर लगाये तो गुरु कष्ट नहीं देता |
११ श्री भगवान
विष्णु को रोज़ नहाने के बाद सिर झुका कर नमस्कार करे | इससे गुरु शांत रहता है |
१२ गुरु ग्रह के
वैदिक व तांत्रिक मंत्र ,कवच, स्त्रोत आदि का विधि पूर्वक जप दशमांश हवन व पूजन
लाभदायक रहता है | भगवान दत्तात्रेय के तन्रिक मन्त्र का अनुष्ठान पूजन भी उचित फल
देता है |
१३ अरिष्ट ग्रहों से
पीड़ित गुरु के कर्ण संतान कष्ट या परेशानियों को दूर करने के लिए शतचंडी या हरिवंश
पूराण का पाठ या सन्तान गोपाल मन्त्र का अनुष्ठान करने से समस्याओं व कष्टों से
मुक्ति मिलती है |
१४ पीले फूल जैसे
पीला गुलाब, कनेर, गेंदा आदि हर रोज़ नहा धोकर गुरु की मूर्ति पर अर्पित करे |
१५ भगवान दत्तात्रेय
का नित्य पूजन करे और उनका आशीर्वाद ले |
१६ किसी सुहागिन
स्त्री को पीले कपडे दान में देवे |
१७ मिथुन या कन्या
लगन में गुरु के ६, ८ या १२ घर के बुरे प्रभाव से बचने के लिए सोने के या पुखराज
के बराबर मात्रा के दो टुकड़े ले और शादी
के समय एक टुकड़ा नदी या नहर में प्रवाहित कर दे और दूसरा टुकड़ा अपने पास रखे | इस
उपाय से जीवन में जब तक वह टुकड़ा जातक के पास होगा गुरु का बुरा प्रभाव कभी भी उसे
परेशान नहीं करेगा और वैवाहिक व धन का उतम सुख प्रदान करेगा |
१८ गुरु महाविष्णु
का रूप है अतः पुरुष सूक्त का जप व होम या सुदर्शन होम करना लाभकारी रहता है
१९ ब्राह्मणों का
आदर करना, देवताओं का ध्यान करना पीले फलों का दान करना व बरगद और पीपल के पेड़
लगवाने और उनकी देखभाल करने से गुरु ग्रह प्रसन्न होते है |
२० गरुड़ पुराण का
पाठ करना बहुत ही लाभदायक रहता है |
२१ गेंदा या
सुर्यमुखी जैसे पीले फूलों के पौधे लगाना उचित रहता है |
२२ गुरु उच्च का हो
तो उसकी वस्तुओं का दान कभी भी न करे यदि गुरु नीच का हो तो उससे सम्बंधित वस्तुओं
का दान कभी नहीं लेना चाहिए |
२३ साधू,संतो,
ब्राह्मणों व वृद्धजनों की सेवा करनी चाहिए |
२४ एक लोटा पानी में
सोने का टुकड़ा डुबो के रख दे रात भर ऐसे ही रहने दे गुरुवार की सुबह उस पानी को
आधा पी ले और बचे पानी को नहाने के पानी में मिलाकर नहाये |
२५ चमेली के ९ या १२
फूल चलते पानी में बहाए |
२६ हर माह की
पूर्णमासी पर सत्य नारायण कथा का पठन श्रवण करे या गुरुवार व एकादशी के व्रत धारण
करे |
इन सभी उपायों में
से जो भी आपको सुविधा के अनुसार अच्छा लगता है उसका पालन करे और गुरु की कृपा
प्राप्त करे ...
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