पूजा करने
की विधी
पूरे साल में जितनी भी
चतुर्थी आती है उन सब में से भाद्रपद के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली यह चतुर्थी सबसे
बड़ी और विशेष फलदायी मानी जाती है | इस दिन लोग जो गणेश जी के भक्त है वो गणेश जी
को अपने घर लाने का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है | जो लोग हर चतुर्थी को गणेश जी
की पूरे श्रद्धा से पूजा अर्चना और व्रत
करते है | उनके घर में सुख समृद्धि सौभाग्य और धन की कभी भी कमी नहीं होती
| हमारे शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का विशेष महत्व होता
है | इस दिन श्री गणेश जी की मूर्ति को अपने घर में लाते है और उनकी पूजा करते है
| गणेश चतुर्थी वाले दिन गणेश जी को अपने घर में लाना अति शुभ माना जाता है गणेश
जी को अपने घर लाने से पहले कुछ चीजे पहले से तैयार करके रखे | जैसे :- एक थाले
में धूप, बत्ती, अगरबत्ती, पान के पत्ते सुपारी, शुद्ध घी का दीपक, और एक लाल रंग
का कोरा कपड़ा गणेश जी की मूर्ति को ढकने के लिए, चन्दन | गणेश जी की पूजा करने के
लिए थाली में घी का दिया और धूप और अगरबत्ती प्रज्वलित करे और थाली पर पान के
पत्ते और सुपारी भी रखे | और इस मन्त्र का
जाप करते '
ॐ गं गणपतये नम:’
हुए पूजा करे |
श्री गणेश जी को भोग लगाने और पूजा अर्चना का विधि विधान |
अगर आप किसी पंडित से पूजा अर्चना करवा रहे है तो थाली में पंडित की
यथाशक्ति दक्षिणा भी रखे| जो गणेश जी की मूर्ति को अपने घर ला रहे है चतुर्थी से
पहले ला रहे है तो उन्हें मूर्ति को ढक के लाना चाहिए और जब आप गणेश जी की मूर्ति
की स्थापना करे तब ही आप मूर्ति से कपड़ा हटाये| और घर में जब आप मूर्ति लेकर अपने
घर दरवाजे पर आये तब चावल जरूर डाले और जब आप मूर्ति की स्थापना करे तब भी चावल को
गणेश जी के आसन के पास डाले और साथ में सुपारी, कुमकुम, हल्दी और दक्षिणा भी रखे |
पूजा के लिए आवश्यक सामान :-
दूर्वा, धूपबत्ती, अगरबत्ती, मोदक, नारियल, लाल
चन्दन, लाल रंग के फूल |
चतुर्थी वाले दिन सुबह 4:00 बजे उठे और स्नान
आदि से निवर्त होकर, नये कपड़े पहने अगर आपके कपड़े लाल रंग के है तो बहुत अच्छा है
| गणेश जी की पूजा नये आसन पर बैठ करेगे तो और भी शुभ है | और पूजा करते समय अपना
मुंह उत्तर दिशा का की तरफ रखे | सबसे
पहले गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराये उसके बाद लाल चन्दन , चावल और दूर्वा
अर्पित करे और कपूर जला कर पूजा और आरती
करे | उसके बाद उनको मोदक या लड्डू का भोग लगाये | गणेश जी को लाल रंग के फूल बहुत
पसंद होते है श्री गणपति जी की मूर्ति को ईशान कोण में स्थापित करे और उनका मुख
हमेशा पश्चिम दिशा की तरफ हो |
शाम के समय गणेश चतुर्थी की
कहानी , गणेश चालीसा , श्री गणेश पुराण, गणेश जी की स्तुति , श्री गणेश सौ नामवली,
गणेश जी का संकटनाशन स्त्रोत,गणेश जी की आरती | और पूजा समाप्त करने से पहले “ ॐ
श्री गणेशाये नम:” या “ ॐ गं गणपते नम: ” का जाप अवश्य करे |
जो भी व्यक्ति गणेश जी का
कलेंडर अपने ऑफिस, घर, फैक्ट्री, दुकान या कारोबार के या जहाँ पर भी आप काम करते
है वहाँ के दरवाजे के उपर लगाये | और फोटो ऐसे लगाये की गणेश जी की पीठ अंदर की
तरफ हो तो गणेश जी भगवान कभी भी आपके घर और कारोबार की देहलीज के पार नहीं जायेगे
| उनके करोबार में हमशा तरक्की होगी गणपति
महाराज उनके जीवन में आने वाली विपत्तियों को हर लेगे | नकारात्मक शक्ति कभी भी आपको या आपके परिवार में से किसी
की भी तंग नहीं करेगी |
अगर आप पूरी
श्रद्धाविश्वास और प्रेम के साथ भगवान जी के पास बैठ कर हर रोज गणेश जी की धार्मिक
किताबों को पढेगे तो आपको इस पूजा का बहुत लाभ मिलेगा साथ में धन, वैभव, अच्छी
बुद्धि और अच्छा स्वस्थ जीवन भी मिलेगा और साथ ही विघ्न हरता गणपति जी आपके जीवन
के सारे कष्ट क्लेश हर लेगे |
तो प्रेम से
बोलो “ गणपति बप्पा मोर्या मंगल मूर्ति मोर्या “
shree ganesh ji ki pooja archna ki sampuran vidhi, aap apni poori shardha or vishwas or prem ke saath bhagwan ganesh ji ki kahani ko pade or man ko shant rakh kar kary kare to to aapke paas kabhi bhi dhan or vaibhav ki koi kami nahi hogi, ganesh ji ki pooja karne ki sapuran vidhi ki jankari ke liye post, ganesh ji kaise hamare jeevan se kalesh or vair virodh ko door karte hai, ganesh ji ki kath or vidhi purvak pooja karne se kya kya laabh ho sakte hai, modak, dhoop agarbatti, laal rang ke phoool, lal rang ka aasan , ghee ka diya, uttar disha ki tarah mukh karke pooja kare,
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