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लग्नेश का भावानुसार फल | Lagnesh Bhaav

लग्नेश का भावानुसार फल

लग्नेश जिस भी घर में हो वह उससे सम्बंधित कार्यों में लीन रहता है । लग्नेश के किस भाव में रहने से क्या असर कुंडली पर पड़ेगा ये हम इस प्रकार जान सकते है :-

 लग्नेश- लग्नेश अगर लग्न भाव अर्थात पहले भाव में स्तिथ हो तो जातक अपने कुल का नाम रोशन करने वाला होगा, जातक सुंदर दृढ़, स्वविश्वासी, देह से उत्तम और अपने कार्यों द्धारा अपने भाग्य को जागृत करता है । ऐसा जातक बुद्धिमान होता है ।

व्दितीय भाव- यदि लग्नेश दूसरे भाव में हो तो जातक को पारिवारिक और धन जायदाद का सुख मिलता है । ऐसा जातक धन को संचित रखने वाला होता है । जातक आनंद से भोजन ग्रहण करने वाला और व्यापार में निपुण होता है । 

चतुर्थ भाव- लग्नेश इस भाव में होने से जातक घर में मुखिया, घर और गाड़ी आदि का सुख पाने वाला, जमीं जायदाद का मालिक और सुख से जीवनयापन करने वाला होता है ।
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पंचम भाव- इस भाव में लग्नेश के होने से पिता के मान में वृद्धि होती है, जातक धनी, ज्ञानवान, प्रभु का उपासक, संतान को चाहने वाला और मित्रो से कुशल व्यवहार करने वाला होता है । ऐसा जातक मित्रो को हास्य विनोद का सुख देता है ।

षष्ट्म भाव- इस भाव में लग्नेश होने से जातक अपने मामा का प्रिय होता है और वह चिकित्सा के क्षेत्र में उन्नति करता है अथवा दवा विक्रेता का कार्य करता है ।

सप्तम लग्नेश- इस भाव से जातक लड़ने झगड़ने में माहिर, विदेश में रहने वाला, दुर्व्यसनों का शिकार होता है अगर लग्नेश के साथ शुभ ग्रह हो तब उसका ब्याह किसी ऊचें घराने की कन्या से होता है ।

अष्टम भाव- इस भाव में लग्नेश होने पर जातक कष्टमय जीवन पाता है वह निर्बल और निकृष्ट कर्म करने वाला होता है । जातक सट्टा, शर्त आदि से पैसा पाने वाला होता है

नवम भाव- लग्नेश के इस भाव में होने से जातक भाग्यशाली, यशस्वी, अपने धर्म को श्रेष्ठ मानने वाला, दैवीय शक्ति सामर्थ्य से युक्त, संतो के साथ पाने वाला, तीर्थो का यात्री और परजनो पर उपकार करने वाला होता है ।

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दशम भाव- इस भाव में लग्नेश होने पर जातक सरकारी कार्यो में हिस्सा लेने वाला, यश प्राप्त, समाज कार्यो के लिए तत्पर और अधिाकर पाने वाला मनुष्य होता है । ऐसे जातक बहुत नाम कमाते है ।

एकादश भाव- इस भाव में लग्नेश हो तो जातक धनवान, बहु मित्र स्वभाव का और अकल्पनीय सफलता पाने वाला होता है । ऐसे जातक जिस भी कार्य में हाथ डालते है कामयाब रहते है । वे अनुभवी होते है ।

द्वादश भाव- इस भाव में लग्नेश होने से जातक हतोत्साहित प्रकृति का, पैसे से दुखी, क़र्ज़ के बोझ से परेशान और प्रयत्नो में कष्ट उठाने वाला होता है । ऐसे जातक जीविका का साधन बहुत मुश्किल से बना पाते है ।

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