योगों का शुभाशुभ फल-
विष्कुम्भ योग-
इस योग में जन्म लेने वाले
जातक बहुत सुंदर, भाग्यवान, विभिन्न जेवरादि प्राप्त, विद्वान ज्ञानी और अच्छी बुद्धि प्राप्त होता
है ।
प्रीति योग -
इस योग में जन्म लेने वाले
जातक नारियों में प्रसिद्द, तत्व
ज्ञाता, उत्साही
और अपने कार्यों की सिद्धि के लिए सदैव कोशिश करता रहने वाला होता है ।
आयुष्मान योग -
इस योग का जातक धन व मान
प्राप्त, कवि
हृदय, लम्बी
आयु वाला, बलिष्ठ
और युद्ध में सदा जीतने वाला होता है ।
सौभाग्य योग -
इस योग में जन्म लेने वाले जातक
उच्च पद प्राप्त, प्रतिष्ठित, हर कार्य में निपुण और
नारियों में प्रिय होता है ।
शोभन योग - इस योग में जन्म लेने वाला जातक सुंदर, पत्नी व पुत्रो से युक्त, सर्वकार्यो में निपुण व
उत्सुक और युद्ध का इच्छुक होता है ।
अतिगण्ड योग -
इस योग में जन्म लेने वाले जातक
माता को कष्ट देने वाला होता है और मूल गंड योग से कुल घातक होता है ।
सुकर्म योग -
इस योग में जन्म लेने वाले जातक
अति गुनी, भोगी
सबको प्रेम करने वाला, सबसे प्यार पाने वाला, सत्कार्यों में संलिप्त, सुशील और उच्च कर्मों वाला होता है ।
धृति योग -
इस योग में जन्म लेने वाले जातक
धैर्यपूर्ण, धन व
यश प्राप्त, भाग्यवान
विद्वान और गुणवान होता है ।
शूल योग -
इस योग का जातक शूल नामक बीमारी
से परेशान रहता है, वह
धर्म में आस्था वाला, धन व विद्या प्राप्त करने में निपुण और यज्ञों को धारण करने वाला होता है
।
गण्ड योग -
इस योग का जातक बहुत कलहकारी, जिसकी नसे उभरी हो, छोटे कद काठी वाला, साहसी, ढृढ़प्रज्ञ और गण्ड की
बीमारी से परेशान रहने वाला होता है ।
वृद्धि योग -
इस योग का जातक खूबसूरत, सुंदर पत्नी और पुत्रों
वाला, धनवान, भाग विलास प्रिय और
बलिष्ठ होता है ।
ध्रुव योग -
इस योग का जातक धनवान, सर्वप्रिय, लम्बी आयु प्राप्त, स्थिरबुद्धि का स्वामी, स्थिर कार्यों में लिप्त और
बलवान व पुष्ट होता है ।
व्याघात योग -
इस योग का जातक सर्वमान्य, प्रत्येक कार्य करने वाला, और लोक में प्रसिद्धता
प्राप्त होता है ।
हर्षण योग -
ऐसे जातक भाग्यवान, राजाओं में मान्य, अति ढीठ प्रकृति, धनी, विद्याध्यन में रत और
शास्त्रों का ज्ञाता होता है ।
वज्र योग -
इस योग में जन्म लेने वाले जातक
विल्क्षण बुद्धि प्राप्त,अस्त्र व शास्त्र विद्या में पारंगत, बलवान हाथों वाला, बहरपुर धन धान्य और सुखी
व साहसी होता है ।
सिद्धि योग -
इस योग के जातक प्रत्येक
कार्यों में सिद्धि पाने वाले, दानवीर,भोग विलास में रूचि वाला,सुखवान पर कुछ दुखी और बीमार रहने वाला होता है ।
व्यतिपात योग -
इस योग के जातक बहुत कष्ट से
जीवन पाने वाले और जीवित रह जाये तो सुखी,यशस्वी और उत्तम
व्यक्तित्व पाते है ।
वरीयान योग -
इस योग के जातक उत्तम शिल्पकार, बलिष्ठ, गीत संगीत और नाच में
निपुण होता है ।
परिधा योग -
इस योग में जन्म लेने वाला जातक
कुल को उन्नति दिलाने वाला,शास्त्रवेता, कविहृदय, दानवीर, सर्वप्रिय और भोग में
रूचि रखने वाला होता है ।
शिव योग -
इस योग में जन्मलेने वाले जातक
शिव के समान लोक कल्याणकारी होते है जो सबका अच्छा चाहते है, महादेव की तरह ज्ञान और
ध्यान की मूर्ति होते है और अति तीव्र बुद्धि के स्वामी होते है ।
सिद्ध योग -
इस योग में जन्म लेने वाले जातक
सभी तरह की सम्पति वाला, दूसरों
के कार्यों को करवा देने वाला, विभिन्न मन्त्रों का ज्ञाता और मनचाही पत्नी वाला होता है ।
साध्य योग -
इस योग के जातक सर्वप्रिय, प्रसिद्द आत्मा, सर्व सुख सम्पन्न, यशस्वी और दिमागी
सिद्धियां प्राप्त करने वाला होता है ।
शुभ योग -
इस योग का जातक खूबसूरत, दानवीर, ब्राह्मण का सत्कारी, धनी, ज्ञान विज्ञानं का
विद्वान होता है ।
शुक्ल योग -
इस योग का जातक कविहृदय, सर्व कला संपन्न, सर्वार्थ संपन्न, साहसी, धनवान, सर्वप्रिय और यशस्वी होता
है ।
ब्रह्म योग -
इस योग में जन्म लेने वाले जातक
अंर्तज्ञानी, विद्धान, शास्त्रवेत्ता और शास्त्र
पारंगत और सर्वकार्य करने में सक्षम होता है ।
ऐन्द्र योग -
इस योग का जातक राजा के समान, गुणवान, भोग में रूचि रखने वाला, सुख प्राप्त और कम आयु
वाला होता है ।
वैधृति योग -
इस योग का जातक उत्साहपूर्ण, श्रद्धा सम्पन्न, दूसरों की भलाई करके भी
निंदा का पात्र बनने वाला होता है | और सभी का अप्रिय बनता है
।
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