जन्म नक्षत्र का फल -
नक्षत्रों की कुल संख्या २७
होती है जो शास्त्रों में वर्णित है । इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले जातकों का कैसा
स्वभाव होता है यह निम्नलिखित तालिका से जान सकते है ।
अश्विनी - Ashwini Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म
लेने वाला जातक विचारवान,पढ़ाई में रूचि रखने वाला, शिक्षाविद, ज्योतिषी,वैद्य समान
शास्त्रो को जानने वाला, ईमानदार, चंचल
चित युक्त, मस्सो की बीमारी वाला और घर में कलेश कर्ता होता है
।
भरणी - Bharani Nakshtra
भरणी नक्षत्र दूसरा होता है इसमें जन्म लेने वाला जातक शक्ति संपन्न,
शत्रुओं पर तीव्रता से आक्रमण करने वाला, अतिय
चालक प्रवृति का, बेईमान, उन्नति चाहने
वाला और चित्र कला का शौकीन होता है ।
कृतिका- Kritika Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म
लेने वाला जातक पढ़ाई में रूचि रखने वाला,जानवरों से प्रेम करने
वाला, भोग विलास का इच्छुक,अपने धर्म को
श्रेष्ठ समझने वाला,झगड़ो में निपुण, निर्धन
से धनवान बनने वाला वकील या नेता होता है |
रोहिणी- Rohini Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म
लेने वाला जातक पतले शरीर वाला, अपने निर्णय पर अटल रहने वाला,
अपने कार्य में निपुण,सुंदर, तेज़ यादाश्त , अच्छी बुद्धि वाला, पवित्रता धारण करने वाला, मीठे वचनो वाला मधुरभाषी,
बड़ी-बड़ी सुंदर ऑंखें और चौड़ा माथा और परस्त्रीगामी
होता है तथा ऐसे व्यक्ति बहुत चतुर होते है ।
मृगसिरा- Mrigashira Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक धनी, बुरे कामो में
लिप्त और धन कमाने वाला, किसी पर विश्वास न करने वाला,
अधिकारी वर्ग या व्यापर से सम्बन्धत जीविका वाले विचारवान, घमंडी और अपनी शान बघारने वाले होते है ।
आद्रा- Adra Nakshtra
इस नक्षत्र के आराध्य देव भगवान शिव होते है । इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले
जातक चंचल प्रवृति,पापोन्मुख, हंसमुख,घमंडी, बलिष्ठ, दूसरों को सताने
वाला और बेवकूफ़ होता है । ऐसे व्यक्ति जो गुस्से में अपनी भले बुरे को नहीं समझ पाते
है ।
पुनर्वसु- Punarvasu Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक सुख वान, संतोष रखने
वाला, यशस्वी,अपनी इन्द्रियों को जीतने
वाला, सुंदर शील युक्त, कमजोर बुद्धि,विदेश गमन करने वाला, कामी, धार्मिक
और माता पिता व गुरुजनो की भक्ति करने वाला होता है ।
पुष्य- Pushya Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म
लेने वाला जातक धार्मिक, प्रभु का भक्त, सत्यवादी, अपने कार्य में निपुण, हर स्थान पर सम्मान पाने वाला, कुटुंब में प्रिय,सोच विचार कर बोलने वाला,दयावान,मजबूत शरीर वाला, धनवान और सुंदर होता है ।
Nature of Person by Birth Nakshatra in Hindi , जन्म नक्षत्र का फल |
आश्लेषा - Aslesha Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म
लेने वाला जातक धनी, स्त्री में आसक्ति रखने वाला, पौरुष में कमी वाला, अल्समयी प्रकृति, स्वार्थ से पूर्ण, नीच मित्रों वाला, अौरत के कारण दुखी रहने वाला, हंसोड़ प्रकृति का और सच
बोलने वाला होता है ।
मघा- Magha Nakshtra
इस
नक्षत्र में जन्मलेने वाला जातक पिता की सेवा करने वाला, धनवान, व्यापर व उद्योग में निपुण, साहस से पूर्ण, कलह को बढ़ाने वाला, स्त्रीयों को चाहने वाला, बड़े कामों में हाथ डालने वाला
और पूजा पाठ करने वाला होता है |
पूर्वाफाल्गुनी- Purwafalguni Nakshtra
इसमें जन्म
लेने वाला जातक बलिष्ठ काया वाला, नाच गाना पसंद करने वाला,राजा का प्रिय, धनवान,मधुर भाषा
का प्रयोग करने वाला और दानवीर होता है ।
उत्तराफाल्गुनी- Uttrafalguni Nakshtra
इस नक्षत्र
में जन्म लेने वाला जातक कलाओं में निपुण, उन्नति चाहने वाला,
धन और संतान का सुख प्राप्त, कविताओं का प्रेम,
सुंदर, सबसे प्रेम करने वाला, कामुक,उत्तम बुद्धि वाला और प्रसिद्द व्यक्ति होता है
।
हस्त- Hasta Nakshtra
कपटी, धूर्त, झूठ बोलने वाला,
अहंकारी, मेहनत करने वाला, माँ बाप के कष्ट से दुखी रहने वाला, लापरवाह,
संगीत प्रेमी, पशुओं की सेवा कर गुजर करने वाला,
जल से प्यार करने वाला और अपनी मेहनत से आगे बढ़ने वाला होता है |
चित्रा- Chitra Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक की ऑंखें सुंदर होती है । महक को पसंद
करने वाला, कीमती वस्तुओं का व्यापर करने वाला, गणितज्ञ, अनमोल कलाओं का ज्ञाता, धनवान, सुंदर, प्रतिष्ठा प्राप्त
और परस्त्रीयों में आसक्ति वाला होता है ।
स्वाति- Swati Nakshtra
इस नक्षत्र में जन्म
लेने वाला व्यापार में निपुण, गुरुजनो का और प्रभु भक्त,घर में रहना पसंद, धनवान, भोग विलास
प्रिय, दयावान, लज्जावान, धर्म में रूचि रखने वाला और अपनी इन्द्रियों को जीतने वाला होता है ।
विशाखा- Vishakha Nakshtra
इसमें जन्म लेने वाला
व्यक्ति विदेश गमन करने वाला, चित्रकारी पसंद करने वाला,
सच को पसंद करने वाला , लड़ाई झगड़ों में निपुण,
विचार न रखने वाला, व्यापार में रूचि, भाषा में निपुण, चतुर्यपूर्ण, उन्नतिपूर्ण
और ज्योतिष शास्त्र में रूचि रखने वाला होता है ।
अनुराधा - Anuradha Nakshtra
ऊँचे शरीर वाला,
हर जगह सम्मान प्राप्त करने वाला,धनवान,मधुरभाषी, स्तिथियों के अनुसार भाषा का प्रयोग करने वाला
और शक्तिवान होता है ।
ज्येष्ठा- Jyeshta Nakshtra
इसमें जन्म लेने वाला
जातक अहंकारी, लेखक, भोग विलास प्रिय,
आलसी मित्रों से युक्त, उन्नति प्राप्त करने वाला
और स्वयं भी कुछ आलस्यमय होता है ।
मूला- Moola Nakshtra
इसे गंड मूल नक्षत्र भी कहते है इसमें जन्म लेने वाले जातक के लिए पूजा पथ
अनिवार्य होती है अन्यथा मूलक परिवार के लिए भारी हो जाते है
ऐसे जातक दृढ़प्रज्ञ, अविश्वासी,चतुर, विश्वासघात करने में निपुण, घमंडी, भोग विलास प्रिय, दूसरों
से जलन रखने वाला, अनेक कार्यों को जानने वाला, वृक्ष व प्रकृति से प्रेम करने वाला, पेट के रोगो से
परेशान और सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करने वाला होता है ।
पूर्वाषाढ़ा-
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक शत्रु विजयी होते है, उनको सदा भयभीत रखने वाले, सुंदर, मजबूत,सुखवान, दुसरो के लिए शनुभूति
रखने वाले, पर उपकारी, अपने कार्यों में
निपुण,चतुर्यपूर्ण, तीव्र बुद्धि,
भाग्यवान, सबका प्रिय और बहुत सारे मित्रों वाला
होता है । ऐसे जातक जहाँ भी जाते है अपनी छाप छोड़ देते है इसीलिए वो सबके प्यारे होते
है ।
उत्तराषाढ़ा-
इस नक्षत्र का जातक दुर्बल,बुरे कामों में संलिप्त,
परस्त्रीगामी,धर्म में आस्था वाला,नम्रताधारक, उच्च कार्यो से धन व मन प्राप्त करने वाला,
धनवान, अच्छी बुद्धि वाला और अच्छा विद्वान होता
है ।ऐसे मनुष्य बुरे लोगो से जल्दी मित्रता कर लेते है ।
श्रवण-
इस नक्षत्र में जन्म
लेने वाले जातक दूसरों पर उपकार करने वाला, अनेक तीर्थ स्थानो
की यात्रा करने वाला, यश प्राप्त, मुखमंडल
पर शोभा, हाज़िर जवाब, विद्वान, बहुत सारी संतानो वाला, गुरु और भगवन का भक्त होता है
।
घनिष्ठा-
इस नक्षत्र का जातक
बड़े कुटुंब वाला, स्त्रीयों में आस्था न रखने वाला, लम्बी कद काठी वाला, शौर्यपूर्ण, हिम्मतवाला, धनवान, कभी कभी कलेशकारी
और प्रसिद्द व्यक्ति होता है ।
शतभिषा-
इस नक्षत्र के जातक कार्यों को करने से पहले सोच विचार नहीं करते, ज्यादा बोलने वाला, ज्योतिष में रूचि रखने वाला,
बुरे कामों में लिप्त, शत्रुओं पर विजयी रहने वाला,
सच बोलने वाला और शांतिप्रिय होता है ।
पूर्वाभाद्रपद-
ऐसा जातक अच्छी मनोस्तिथि
वाला होता है । परन्तु मानसिक टूर पर वह चिंताग्रस्त और दुखी रहने वाला होता है,
तथापि वह चतुर और स्त्री आसक्त होता है ।
उत्तराभाद्रपद-
इस नक्षत्र का जातक
उच्च कार्यों में सहयोगी, कभी कभार का क्रोधी,अपने कार्य में निष्ठां रखने वाला, अच्छा बोलने वाला,
सुखवान, सुशील, धर्म में
आस्था रखने वाला, उदार हृदय, सुंदर सुडोल
शरीर वाला और धनवान होता है ।
रेवती-
सुंदर शरीर,
हष्ट पुष्ट, अच्छे विचारों वाला, भलाई की सलाह देने वाला, तीव्र बुद्धि का स्वामी,
पवित्र, कामुक, सबसे प्यार
करने वाला, विद्वान, चतुर्यपूर्ण,
धनवान, स्थिरबुद्धि, और साहस
से पूर्ण होता है ।
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